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Friday, January 6, 2023

मरहम....

मरहम बने कइओ के जख्मो पर,

जब हम जख्मी हुए, खुद को नजरंदाज पाया,

अजीब सी बस्ती है तेरी इंसानो की ए खुदा,

यहां हर एक के पास जख्म कुरेदने का शौख पाया 

तस्वीर 📸

आज मेरी कुछ पुरानी तस्वीरे मिली...  देख के याद आया के मुझे खुलके हसना भी आता है,....  बस खुलके अब हसा नही जाता वो अलग बात है...  खिलखिला कर ...