ना रुक ए जिंदगी, अभी काफी कुछ सीखना बाकी है,
सांसों को चलने दे ऐसे ही, अभी खुल के जीना बाकी है,..
कुछ बोल ना, सुन ना और काफी कुछ सुना ना बाकी है,
पाया भी है, खोया भी है, पर कुछ खो कर पाना बाकी है,..
तपता सूरज ही देखा मैंने, अभी शाम का ठहराव बाकी है,
बहोत सुलझाई उलझने, अभी खुद को सुलझाना बाकी है,..
रंग बदलती इस दुनिया में, खुद का एक रंग चुन ना बाकी है,
अक्सर ख्वाब सजाए औरों के, मेरे तो अभी देखना बाकी है,..
जिसने जेसा चाहा, आज तक वेसा किरदार निभाया मैंने,
ना रुक ए जिंदगी, अभी मेरा खुद का किरदार निभाना बाकी है.......
- खुशाली जोशी
9 comments:
Amazing 👌👌
👌❤
Does tomorrow ever come??
जा सिमरन जा.. 😍
जी ले अपनी ज़िंदगी.. 🥰
निभा ले अपना किरदार... 🤩
Yess..
Thank you..,😇🙏
आहा.....!! 👌
बहोत सुन्दर बाते लिखी है...
Khul ke jina baaki he.. waahh mast
जिसने जेसा चाहा, आज तक वेसा किरदार निभाया मैंने,
ना रुक ए जिंदगी, अभी मेरा किरदार निभाना बाकी है.......
Vaah. Jordar
Words ❤️
Thank you.. 😇🙏
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