देख के याद आया के मुझे खुलके हसना भी आता है,....
बस खुलके अब हसा नही जाता वो अलग बात है...
खिलखिला कर हँसना मेरी आदत थी...
अभी चेहरे पे सिर्फ मुस्कान रेहती है वो अलग बात है....
कहते है हसने के बाद रोना पड़ता है....
अभी बिना हँसे ही रो देते हैं वो अलग बात है....
दिल मेरा बच्चे सा नादान था...
अभी सहमा हुआ सा ज़िम्मेदार बन गया है वो अलग बात है...
वैसे तो दोनों पुरानी और नई तस्वीर मे खुश हूँ मै...
हाँ पर आँखों की चहक कुछ बुझ सी गई है वो अलग बात है..
- खुशाली जोशी ✍️
👍
ReplyDeleteવાહ વાહ😍
ReplyDelete👌
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