टपरी की चाय मे भी एक अलग सा नशा है...
किसी की नींद उडाती है...
तो किसी के गम भूलाती है...
मील जाते है दोस्त अगर टपरी पे एकसाथ कहीं,...
तो ये एक चाय ही है जो मेहफिल सजाती है...
लोग दीवाने युँ ही नही इसके...
इसकी एक घूँट..दवाई सा इलाज कराती है....
- खुशाली जोशी
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Thank you so much.. 😇🙏