Thursday, July 16, 2020

होंसला बना रेहता

झीक्र जब भी हुआ, सीर्फ हमारी कमजोरिया ही देखी गई,
थोडी सी कामीयाबी भी देख लेते तो होंसला बना रेहता,

बहोत मेहनत की हे हमने हर एक चीज पाने मे,
अकेले ही चल दीये हम रास्ते के हर एक मोड आने पे,

रास्ते का आनेवाला हर मोड हमे ना डगा पाता,
अगर तुम रास्ता आसान बना देते तो होंसला बना रेहता,

क्या सोचा था तुमने थक जायेगी और रुक के मुड जायेगी,
एक औरत ही तो है, ऐसे कहा तक जायेगी,

हे हौसला बुलंद, हमे ना जरूरत कीसी की हे, 
सुनलो ए समाज वालो हम नही मोहताज तुम्हारे कीसी मोहरे की हे,

हे इतना दम, की हर जगह हमारा दबदबा बना रेहता,
ये बात अगर पेहले ही मान लेते तुम तो होंसला बना रेहता.

- खुशाली जोशी






13 comments:

Thank you so much.. 😇🙏