झीक्र जब भी हुआ, सीर्फ हमारी कमजोरिया ही देखी गई,
थोडी सी कामीयाबी भी देख लेते तो होंसला बना रेहता,
बहोत मेहनत की हे हमने हर एक चीज पाने मे,
अकेले ही चल दीये हम रास्ते के हर एक मोड आने पे,
रास्ते का आनेवाला हर मोड हमे ना डगा पाता,
अगर तुम रास्ता आसान बना देते तो होंसला बना रेहता,
क्या सोचा था तुमने थक जायेगी और रुक के मुड जायेगी,
एक औरत ही तो है, ऐसे कहा तक जायेगी,
हे हौसला बुलंद, हमे ना जरूरत कीसी की हे,
सुनलो ए समाज वालो हम नही मोहताज तुम्हारे कीसी मोहरे की हे,
हे इतना दम, की हर जगह हमारा दबदबा बना रेहता,
ये बात अगर पेहले ही मान लेते तुम तो होंसला बना रेहता.
- खुशाली जोशी
Very well written.
ReplyDeleteVery nice 😇😇
ReplyDeleteKabhi bhi koi der nahin hoti,
ReplyDeleteJabbhi khade hone ki chah ho
honsala ho ya na ho
Nice lines
ReplyDeleteAkele akele manjil ki aur aage to badhe hum,,
ReplyDeletePar jo ku6 mod par sath mil jata tumhara to hosala bana raheta....
Superb
DeleteSuparbbb...
ReplyDeleteबढ़िया
ReplyDeleteNice
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ReplyDeleteNice pinned
ReplyDeleteThanks
Deleteबेहतरीन। शब्द नहीं है मेरे पास बयान करने के लिए।
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